देश के सरकारी टीवी चैनल राज्यसभा टीवी और लोकसभा टीवी का अब विलय कर दिया गया है। विलय के बाद इस नए टीवी चैनल का नाम संसद टीवी कर दिया गया है, जिसमें राज्य सभा और लोकसभा दोनों से जुड़ी हुई खबरों का प्रसारण किया जाएगा। बता दें कि राज्य सभा के चेयरमैन और लोकसभा के स्पीकर के एक संयुक्त निर्णय से दोनों चैनलों को मिलाकर एक चैनल संसद टीवी बनाया गया है।
इस संसद टीवी के पहले सीईओ के तौर पर सीनियर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी रवि कपूर को नियुक्त किया गया है। रवि कपूर 1986 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं। गौरतलब है कि पहले लोकसभा के बहस और उससे जुड़ी अन्य खबरों को लोकसभा टीवी पर प्रसारित किया जाता था। साथ ही राज्यसभा के बहस और उससे जुड़ी हुई खबरों को राज्यसभा टीवी पर प्रसारित किया जाता था।

जिसके बाद लोकसभा के स्पीकर और राज्य सभा के चेयरमैन की एक संयुक्त निर्णय के बाद से दोनों चैनलों का आपस में विलय कर दिया गया तथा एक नए चैनल संसद टीवी का निर्माण किया गया है। बता दें कि यह संसद टीवी अब लोकसभा और राज्यसभा की सभी बहस के साथ साथ उनसे जुड़ी सभी खबरों को प्रसारित करेगी।
बता दें कि पिछले साल सांसदों की एक कमेटी बनाकर दोनों चैनलों के विलय से संबंधी मामले पर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया था। जिसमें सांसदों की इस टीम ने कई सुझावों के साथ दोनों चैनलों के विलय की अनुशंसा की थी। जिसके बाद राज्यसभा के चेयरमैन और लोकसभा के स्पीकर ने दोनों चैनलों के विलय की घोषणा की है।

पीएमओ के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने से पहले ही कार्यकाल में सरकार दोनों चैनलों के विलय के बारे में विचार कर रही थी। पीएमओ के अधिकारियों और सांसदों का मानना था कि प्राइवेट चैनलों के इस दौर में दोनों सरकारी चैनलों के बीच प्रतियोगिता होना अच्छी बात नहीं होगी, इसीलिए सरकार ने इन दोनों चैनलों के विलय क्या संबंधी प्रस्ताव रखा था।
बता दें कि कांग्रेस की मनमोहन सरकार ने 2004 में लोकसभा टीवी की स्थापना की थी। जिसके बाद 2011 में राज्यसभा टीवी की स्थापना की गई थी। 2004 में तत्कालीन लोकसभा स्पीकर सोमनाथ चटर्जी ने लोकसभा चैनल के स्वतंत्र रहने की अनुशंसा की थी।