रक्षा मंत्रालय ने सेना से सेवानिवृत्त हुए स्टाफ सर्विस कमीशन (SSC) अधिकारियों को सैन्य पदों का यथा लागू उपयोग करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। आपको बता दें कि एसएससी अधिकारियों को अपनी सेवा की अनिवार्य शर्तों को पूरा करने के बाद अपने सैन्य रैंकों का उपयोग करने का अधिकार नहीं था। इससे एसएससी अधिकारियों में असंतोष और नाराजगी पैदा हो रही थी। इसके बारे में एसएससी (SSC) अधिकारियों का कहना था कि एसएससी अधिकारी उन्हीं समान सेवा शर्तों के तहत काम करते हैं और समान सेवा प्रोफ़ाइल के साथ स्थायी कमीशन अधिकारियों की तरह ही कठिनाइयों का भी सामना करते हैं।
सरकार के इस निर्णय से न केवल सेवानिवृत्त एसएससी अधिकारियों में असंतोष और नाराजगी को दूर करने में मदद मिलेगी, बल्कि यह निर्णय युवा उम्मीदवारों को बड़ा प्रोत्साहन देने के रूप में भी काम करेगा। एसएससी अधिकारियों द्वारा सेवा से निवृत्त होने के बाद सैन्य रैंकों का उपयोग करने की अनुमति देने की मांग 1983 से लंबित थी। एसएससी (SSC) अधिकारी सेना के सहायता कैडर की रीढ़ की हड्डी हैं। ये सेना की इकाइयों में युवा अधिकारियों की कमी को पूरा करने के लिए 10-14 वर्ष की अवधि के लिए सेना में काम करते हैं। एसएससी (SSC) को आकर्षक बनाने के लिए अनेक प्रयास हुए हैं। इन अधिकारियों की प्रमुख मांगों में से एक मांग सैन्य रैंकों का उपयोग करने की अनुमति प्रदान करना रही है।

विगत में एसएससी अधिकारी केवल पांच वर्ष की अवधि के लिए काम करते थे, लेकिन अब ये अधिकारी 10 वर्ष की अवधि के लिए सेना में काम करते हैं और इनकी सेवा आगे भी चार वर्ष तक बढ़ायी जा सकती है। एसएससी अधिकारी सेना के अधिकारियों के कैडर को सहायता कैडर उपलब्ध कराते हैं और उन्हें मुख्य रूप से सेना की इकाइयों को युवा अधिकारियों को उपलब्ध कराने के लिए सृजित किया गया है।
आपको बता दें कि एसएससी अधिकारियों का भी चयन स्थाई कमीशन के अधिकारियों की तरह ही किया जाता है। एसएससी अधिकारी भी एसएसबी इन्टरव्यू के प्रोसीजर को पास करके अधिकारी बनते हैं।