देश मे स्टील उत्पादक कंपनियां अगले महीने अप्रैल से स्टील की कीमतें बढ़ाने (steel price increase) की तैयारी में है। इनमें जेएसडब्ल्यू स्टील, जेएसपीएल, एएम/एनएस और टाटा स्टील जैसी कंपनियों के नाम शामिल हैं। एक बड़ी स्टील कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “इस बारे में फैसला अभी बाकी है | लेकिन हम अगले महीने की पहली तारीख से अंतरराष्ट्रीय बाजारों की कीमतों और लौह अयस्क की बढ़ती लागत को देखते हुए कीमत में लगभग 4,000 रुपये प्रति टन वृद्धि करने के बारे मे सोच रहे हैं |”
एक ओर विश्लेषक का कहना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सीमा शुल्क को 12.5% से 7.5% करने के बाद स्टील मिलों ने मार्च की शुरुआत में कीमतों में 1,000 रुपये प्रति टन की कमी की थी।वर्तमान एचआरसी मूल्य स्तर 56,000 रुपये प्रति टन की सीमा में है. कीमतें बढ़ने (steel price increase) के बाद यह 58,000-60,000 रुपये तक पहुंच सकता है | साल 2020 के इसी समय की कीमतें लगभग 35,000-36,000 रुपये प्रति टन थी। एक बड़ी स्टील कंपनी के कार्यकारी अधिकारी का कहना है कि, “वैश्विक स्तर पर कमोडिटी प्राइस बेंचमार्क बदल गया है. हमने कीमतें नहीं बढ़ाई तो हम पीछे रह जाएंगे।

उन्होंने कहा कि निर्यात की कीमतों और घरेलू कीमतों के बीच का अंतर लगभग 12,000 रुपये से 15,000 रुपये प्रति टन है | हमें इसलिए कम से कम 4,000 – 6,000 रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी करनी होगी.चीन और अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बढ़ती कीमतों को देखते हुए भारतीय स्टील कंपनियां दाम बढ़ा सकती है. पिछले साल 2020 से लॉकडाउन के बाद से कंपनियों की तरफ से यह 13वीं बढ़ोतरी होगी | अगले महीने अप्रैल से बेंचमार्क हॉट-रोल्ड कॉइल की कीमत 4,000 रुपये प्रति टन तक बढ़ा सकती हैं।
वहीं, कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी, महंगे कॉपर, एल्युमिनियम, स्टील जैसे मैटेरियल की वजह से इनपुट कॉस्ट ज्यादा होने और समुद्री-हवाई परिवहन का किराया बढ़ने के कारण TV की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं |