आयकर विभाग (Income Tax Department) ने हैदराबाद शहर के उपनगरीय क्षेत्र यादगिरीगुट्टा और आसपास के क्षेत्रों में रियल स्टेट के व्यवसाय से जुड़े दो समूह पर छापे मारे हैं। यह दोनों समूह जमीनों की बिक्री और खरीद के साथ साथ अपार्टमेंट और भवनों का निर्माण कर उन्हें बेचते हैं।दोनों समूहों के कार्यालयों में छापेमारी के दौरान आयकर विभाग को कई संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं, जिनमें हाथ से लिखे बहीखाते, समझौते इत्यादि शामिल हैं। इन संदिग्ध दस्तावेजों में बेहिसाब रूप से नकद कैश में लेनदेन और जमीनों तथा अपार्टमेंट के खरीद और बिक्री की तरफ इशारा करते हैं।
आयकर विभाग (Income Tax Department) की टीम ने इन दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है। इस दौरान टीम के अधिकारियों ने एक विशेष सॉफ्टवेयर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजट्स पर मौजूद जमीनों और अपार्टमेंट के खरीद और बिक्री से संबंधित जानकारी को भी विभाग ने हासिल कर लिया है।आपको बता दें कि रीयल एस्टेट के सेक्टर में जुड़े ये दोनों समूह सर्किल रेट से ऊपर की राशि में जमीनों की खरीद फरोख्त करते थे और सारे लेन देन का हिसाब नकदी में करते थे।

मिली जानकारी के अनुसार ये दोनों समूह पैसों का उपयोग भूमि खरीद या इस तरह के अन्य आकस्मिक व्यवसायिक खर्चों पर किया करते थे।आयकर विभाग (Income Tax Department) की हैदराबाद शहर के उपनगरीय क्षेत्र यादगिरीगुट्टा और आसपास के क्षेत्रों में रियल स्टेट के व्यवसाय से जुड़े दो समूहों पर अचानक से हुई इस छापेमारी से आसपास के व्यवसायियों में हड़कंप मच गया है। आयकर विभाग की इस छापेमारी और तलाशी अभियान के दौरान विभाग की टीम ने 11.88 करोड़ रूपए की बेहिसाबी नकदी और 1.93 करोड रुपए मूल्य के स्वर्ण आभूषण जब्त किए गए हैं।
आपको बता दें कि छापेमारी की इस कार्रवाई के दौरान बीते 6 वर्षों में लगभग 700 करोड रुपए की बेहिसाबी नकदी के रूप में लेन देन के साक्ष्य मिले हैं, जो कि कर योग्य राशि है। इन दोनों समूहों से जुड़े लोगों पर कर चोरी में कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल अभी छापेमारी की कार्रवाई के बाद की कार्रवाई जारी है।