शामली (Shamli Police Station) में करीब 62 मजदूर रात से थाने में भूखे प्यासे बैठे हैं उनका कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने अपने घर लौटने के लिए लुधियाना से एक ट्रांसपोर्टर द्वारा एक बस बुक की थी जो कि शामली में हादसे का शिकार हो गई और एक मकान में जा घुसी। जिसमें कई मजदूर चोटिल भी हुए। पुलिस ने गाड़ी को मकान से निकलवा कर थाने ले आई और सभी मजदूर भी थाने आ गए रात से ही मजदूर थाने पर भूखे प्यासे बैठे हुए हैं लेकिन न तो पुलिस और ना ही किसी सामाजिक संस्था ने उनकी सुध ली। अब मजदूर एक ही बात कह रहे हैं कि हमारा क्या कसूर।
दरअसल पूरा मामला जनपद शामली की सदर कोतवाली क्षेत्र के बुढ़ाना रोड का है, जहां पर बीती रात एक बस अनियंत्रित होकर एक मकान में घुस गई। जिसके बाद पुलिस बस को मकान से निकलवा कर थाने ले आई। बस में मौजूद मजदूरों को चोट भी आई है। बहराइच और गोंडा जिले के रहने वाले कुछ मजदूर लुधियाना के कोल्ड स्टोर में मजदूरी करने के लिए गए हुए थे। जब आलू का सीजन खत्म हो गया तो मजदूरों ने अपने घर जाने की सोची जिसके बाद सभी ने वहां से प्राइवेट बस का टिकट खरीदा और बस में बैठ गए।

मजदूरों का कहना है कि बस थोड़ी दूर करीब 40 किलोमीटर सही चली लेकिन उसके बाद अचानक उसमें खराबी आ गई। जिसके बाद उसे ठीक कराने में करीब 3 से 4 घंटे का समय लग गया और जब वह ठीक हो गई तो ड्राइवर वहां से चल दिया। मजदूरों का कहना है कि ड्राइवर ने बीच रास्ते में शराब पी ली और उसके बाद गाड़ी चलाई। जैसे तैसे करके वह गाड़ी शामली तक ले आया, लेकिन शामली पहुंचने पर उसने गाड़ी एक मकान में घुसा दी। जिसमें उनके कई मजदूरों साथियों को चोट भी आई।
मकान में घुसी गाड़ी को मौके पर पहुंची पुलिस ने बाहर निकलवाया और थाने (Shamli Police Station) ले आई। गाड़ी के साथ मजदूर भी थाने पहुंच गए। मजदूरों का कहना है कि वह 62 लोग लुधियाना से बस में सवार होकर निकले थे। जिनमें से कुछ दो चार मजदूर अलग से बस पकड़ कर निकल गए लेकिन वह पैसे न होने के कारण वहां से नहीं जा पाए क्योंकि उन्होंने पहले से ही टिकट खरीदा हुआ था। मजदूरों का कहना है कि जब से बस हादसे का शिकार हुई है तब से वह थाने पर ही बैठे हुए हैं लेकिन रात से अब तक उनको किसी ने भोजन तक नहीं कराया और वह भूखे प्यासे बैठे हुए हैं और एक ही बात कह रहे हैं कि साहब हमारा क्या कसूर।